जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को आपराधिक अवमानना के मामले से मुक्त कर दिया। अदालत ने परनामी को कहा है कि वे भविष्य में इस तरह की बयानबाजी ना करें। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश पूनम चंद भंडारी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। जानें पूरा मामला…
सुनवाई के दौरान अशोक परनामी अदालत में पेश हुए। उनकी ओर से अदालत में बिना शर्त माफीनामा पेश करते हुए कहा गया कि उनकी मंशा अदालत की अवमानना की नहीं थी। इसके अलावा जो विवादित बयान बताया जा रहा है वह सिर्फ एक समाचार पत्र में ही छपा है। यदि उनकी ओर से दिए पूरे बयान को देखा जाए तो यह अदालती आदेश की अवमानना करने वाला नहीं है।
उनकी ओर से माफी मांगते हुए कहा गया कि अवमानना याचिका का निस्तारण किया जाए। माफीनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि आदर्श नगर विधायक और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने गत दिनों कुछ स्थानीय निवासियों को जेडीए पार्क को पार्किंग के तौर पर विकसित करने का आश्वासन देते हुए कहा था कि यदि वह काम करते हैं तो सरकार आंखें मूंद लेगी। हाईकोर्ट का स्टे होने के कारण सरकार पार्क को पार्किंग के रूप में विकसित नहीं कर सकती है।