लोभ -लालच और प्रलोभन से अब नहीं हो सकेगा धर्म परिवर्तन – राजस्थान सरकार ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को कानून बना सकती है |

 नहीं होगा आसा अब …………………..धर्म परिवर्तन 

जयपुर | राजस्थान सरकार अब लोभ -लालच और प्रलोभन के द्वारा धर्म परिवर्तन करने वाले संगठन पर लगाम लगाने हेतु  ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को राष्ट्पति कोविंद द्वारा पास करवाने के लिए अपना उच्चतम प्रयास कर रही है .अगर ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ”  कानून का रूप अख्तियार  कर लेता है तो राजस्थान राज्य में धर्म परिवर्तन करना आसान नहीं होगा , इसके लिए  सरकार से अनुमति लेनी होगी और सरकार की अनुमति के आधार पर ही व्यक्ति अपना धर्म परिवर्तन कर सकेगा |

इस कानून के क्या होगे मायने है – एक ख़ास नजर 

भारत वर्ष में जाती -भेद  भाव और लिंग के आधार पर उच्च -निच्च के  वर्ग में समाज को बाटा गया है , साथ ही भारतीय संविधान सभी वर्ग -धर्म जात -पात को निराधार मानते हुवे – समानता का अधिकार देता है किन्तु समाज में कथित कुछ धार्मिक संगठनो द्वारा गरीब और समाज के वंचित तबके को लोभ -लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने की घटनाए अकसर देखने और सुनने को मिलती है की कुछ धार्मिक संगठन , एन जी ओ  चोरी – छिपे गरीबो { sc / st } वर्ग के लोगो को रुपए ,लालच ,  दबंगई  ,लव जिहाद  जैसे मुद्दो के आधार पर धर्म परिवर्तन करवा रही है , ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को कानून का रूप अख्तियार  करने के  बाद  कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही व्यक्ति धर्म परिवर्तन कर सकेगा , अगर व्यक्ति बिना कलेक्टर मंजूरी  के धर्म परिवर्तन करता  है तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है  और जाँच में कोई संगठन की भूमिका संधिगद पाई जाती है तो उसका लाइसेंस रदद और साथ ही सजा का प्रावधान होगा |

जनता संवाद – 

प्रशांत दुबे – राज्य सरकार का यह “धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” बिल्कुल सही है वर्तमान में कुछ कथित  धार्मिक संगठन  लडकियों को लोभ -लालच  ,लव जेहाद  ,और गलत सोच के साथ  बहला -फुसलाकर  धर्म  परिवर्तन करवाते है जिसमे कुछ समय बाद कुछ लडकियों  ने आत्म हत्या जैसे प्रयास किये , धर्म परिवर्तन पर सही गाइड  लाईन  बननी चाहिए  |

पवन देव – राज्य सरकार  का यह “धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008” कुछ मायनो में सही है किन्तु दलित समुदाय के लोग सामाजिक कुरूतियो  से  त्रस्त  होकर अगर अपना धर्म  बदलकर सामाजिक रूप से  सम्मान जनक जीवन जीता है तो धर्म परिवर्तन करना सही है और व्यक्ति  धर्म  परिवर्तन के लिए स्वतंत्र होना चाहिए  ,जैसा भारत का संविधान समानता का अधिकार देता है  |

कुछ विशेष तथ्य –  ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” से  –

{1}  sc /st व् गरीब तबके के लोगो को जबरन / दबंगई / लालच / लव जेहाद और व्यक्ति की मर्जी के बीना धर्म परिवर्तन  करवाने पर 3  साल की  व् जुर्माने का प्रावधान 

{ 2}  sc /st व् 18 साल से कम उम्र के बच्चो का धर्म परिवर्तन करवाने 5 साल की सजा 

नोट : कोई व्यक्ति मूल धर्म में वापस लोटना चाहता है तो उसे किसी भी प्रकार की सुचना जिला कलेक्टर और राज्य सरकार को नहीं देनी होगी |  मूल धर्म में लोटने की उसे पूर्ण स्वत्रता होगी |

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